सीख
राजीव अपनी दुकान पर बैठा अखबार पढ़ रहा था। तभी एक नौजवान ने आकर उससे पूछा, क्या आपके यहां से एक कॉल हो जाएगी? राजीव ने कहा, जरूर, वह रहा फोन, बस दो रुपये छुट्टे देना। नौजवान ने फोन उठाया और किसी से बात करने लगा। वह बोला, जी मुझे आपका नंबर एक दोस्त से मिला है। उसने बताया कि आपकी दुकान पर एक आदमी की जरूरत है। राजीव नौजवान की बातें सुनने लगा। नौजवान फोन पर बोला, अच्छा तो आपने किसी को रख लिया है। पर मैं कम वेतन पर काम करने को तैयार हूं।
राजीव मन ही मन सोचने लगा कि लगता है, इसे पैसों की सख्त आवश्यकता है, जबकि बेचारे को कहीं नौकरी नहीं मिल पा रही। आखिर में वह नौजवान बोला, उतने ही पैसे में मैं आपकी दुकान की साफ-सफाई भी कर दिया करूंगा, एक बार फिर सोच लीजिए। अंत में नौजवान ने मायूस होकर फोन नीचे रख दिया। राजीव ने उस नौजवान से पूछा, क्या हुआ, नौकरी नहीं मिली? नौजवान ने राजीव को घूरती हुई नजरों से देखा और बोला, यह लीजिए आपके दो रुपये। राजीव उस नौजवान के घूरने की वजह नहीं समझ पा रहा था। वह बोला, तुम्हें नौकरी चाहिए न? नौजवान बोला, जी नहीं। आपका बहुत शुक्रिया, मुझे कोई नौकरी नहीं चाहिए।
राजीव उसकी बात सुनकर हैरान रह गया। वह बोला, अरे, लेकिन अभी कुछ मिनट पहले ही तो तुम किसी से फोन पर नौकरी मांग रहे थे। मैं तो बस तुम्हारी मदद करना चाहता हूं। तुम चाहो, तो मेरी दुकान पर काम कर सकते हो। नौजवान बोला, आपका आभार कि आपने मेरे लिए इतना सोचा। लेकिन मैंने कॉल नौकरी मांगने के लिए नहीं, बल्कि अपना काम परखने के लिए की थी। राजीव बोला, मुझे कुछ समझ में नहीं आया। नौजवान बोला, आपने सुना ही होगा कि मैंने जिसको कॉल की थी, उसने किसी को नौकरी पर रख लिया है। उसने जिसको नौकरी पर रखा है, वह कोई और नहीं, मैं ही हूं।
source: amarujala